गुरु वो है जो आपको शिक्षा दे एवं आपका मार्गदर्शन करे।
ये सत्य है गुरु आपको आपके मार्ग में स्व मिल जाते है। किन्तु इस विषय को समझना होगा। गुरु इस जीवन में सभी को मिले है। गुरु वो है जो आपको शिक्षा दे एवं आपका मार्गदर्शन करे। जो की आपके नवम भाव एवं नवम के कारक ग्रह गुरु की स्थिति पर निर्भर है। यही भाव उच्च शिक्षा के लिए भी है। आपका नवमेश एवं नवम का कारक ग्रह गुरु शुभ अवस्था में हो एवं शिक्षा काल में नवमेश से सम्बन्ध रखने वाली दशा मिले तो उच्च शिक्षा के योग बनते है। किन्तु शिक्षा का विषय आप स्वयं चुनते है कुंडली में ग्रह स्थिति अनुसार। कोई विज्ञान विषय चुनता है , कोई एकाउंट्स , कोई कानून विषय चुनता है। अर्थात ये विषय चुनना आपका कार्य है , जब विषय आप चुन लेते है तो सामने से आपके विषय के अनुसार कोई न कोई ऐसा व्यक्ति अवश्य मिलता है जो उक्त शिक्षा में पारंगत होता है एवं आपको उक्त विषय का सर्वस्व प्रदान करता है। एवं ये निर्भर है आपके नवम स्थान नवमेश एवं नवम स्थान के कारक ग्रह गुरु की शुभता पर। नवमेश दशमेश का शुभ योग जहा कर्मक्षेत्र में आपको गुरु सहायता प्रदान करता है। वही पंचमेश से संबंध आपकी शिक्षा एवं अर्जित ज्ञान में गुरु रूप से सहायता प्रदान करेगा। अंग्रेजी शब्द है " गॉड फादर " इसका अर्थ यही है आप यदि व्यवसायी है तो कोई व्यक्ति आपके जीवन में आया और अपना अनुभव प्रदान किया , कोई व्यक्ति डॉक्टर है तो ऐसे में कोई डॉक्टर आया और अपना अनुभव प्रदान किया। अब आध्यात्मिक गुरु का प्रश्न है। जीवन में यदि आपकी कुंडली में आध्यात्मिक मार्ग पर उच्च स्तर पर जाने के योग है। एवं आपने आपका मार्ग चुन लिया की आपको " मोक्ष मार्ग को समझना है " तो ही जीवन में कोई न गुरु अवश्य मिलेंगे अपने आप जो उक्त मार्ग के विषय में आपका मार्गदर्शन करे। अर्थात गुरु की प्राप्ति आपकी व्यक्तिगत इच्छा एवं विषय के प्रति जिज्ञासा पर निर्भर है। सत्य है गुरु अवश्य मिलते है और वो तब मिलते है जब आप अपना स्व का निर्णय कर चुके हो आखिर करना क्या है। अर्थात सर्वप्रथम आपको पता होना चाहिए आप स्वयं क्या चाहते है स्वयं से ततपश्चात हर उत्तर एवं गुरु आपको मिलते है।
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